दोस्तों भारत में कितने राज्य है और हर राज्य में जिले और जिलो में न जाने कितने ही गाँव है . गाँव शहरों से बहुत दूर दूर होते है इसलिए गाँव वालो की सहूलियत की लिए गाँव में किसी बैंक की शाखा होती है . ताकि गाँव वाले उस बैंक शाखा में अपने बैंक से सम्बन्धित काम आसानी से करवा सके .यदि किसी गाँव में बैंक होंगे तो ज्यादा से ज्यादा दो या तीन हो सकते है लेकिन आज हम आपको एक ऐसे गाँव के बारे में बताने वाले है जिसमे दो या तीन नही बल्कि 17 बैंक है .अब आप सोच रहे होंगे किसी गाँव में इतने सारे बैंक की क्या जरूरत है अब ये बात जानने के लिए लेख को अंत तक जरुर पढ़े .
गुजरात के कच्छ जिले में माधापर नाम का एक गांव हैं, जोकि देश के दूसरे गांव की तुलना में एकदम अलग हैं. आमतौर पर भारत में गांव के अंदर बैंक की शाखाएं नहीं होती हैं, मगर माधापर में 7600 घरों में रहने वाले 92000 हजार लोगों के लिए 17 बैंक हैं. इन बैंको में गांव वालों के करीब 5000 करोड़ रुपए जमा हैं. यहां के लोग कितने अमीर हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां दूर-दूर से लोग घूमने आते हैं.मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस गांव के आधे से अधिक लोग लंदन में रहते हैं. गांव से दूर रहकर भी ये लोग गांव से जुड़े रहें. इसके लिए 1968 में लंदन में यहां के लोगों ने माधापर विलेज एसोसिएशन नाम का एक संगठन बनाया. इसके जरिए समय-समय पर लोग एक-दूसरे से कनेक्ट करते हैं और गांव में मौजूद बैंकों में अपना पैसा जमा करते हैं. खास बात यह कि विदेश जाने के बाद भी लोगों ने अपने खेतों को नहीं बेचा है.
गांव में रहने वाले लोग इन खेतों की देखभाल करते हैं और खेती-बाड़ी करते हैं. गांव में स्कूल, कॉलेज, गौशाला, हेल्थ सेंटर, कम्युनिटी हॉल, और पोस्ट ऑफिस जैसी हर ज़रूरी चीज़ मौजूद है. गांव में मौजूद झीलों, बांधों और कुओं को भी अच्छे ढंग से रखा गया है, जोकि यहां पहुंचने वालों को आकर्षित करते हैं. माधापर से जुड़े अगर आपके पास कोई अन्य जानकारी है तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स में हमारे साथ शेयर करें