दोस्तों घर को सम्भालना घर के सारे काम करना हर पत्नी की जिम्मेदारी होती है . हर पति का मानना है कि उसकी पत्नी उसकी सारी बाते माने चाहे वो सही हो या गलत .लेकिन ये जरूरी नही कि पत्नी पति की हर बात माने . पत्नी भी इंसान होती है कभी मन न होने या तबीयत ठीक न होने की वजह से कभी किसी काम को करने का मन नही भी होता है तो इसका मतलब यी नही कि पति को पत्नी को दंड देने का अधिकार मिल जाता है . आज हम आपको एक ऐसे मामले के बारे में बताने वाले है .जिसमे पति की बात न मानने के लिए पति ने पत्नी की शिकायत दर्ज पूरा मामला मामला जानने के लिए खबर को अंत तक पढ़े .
तेलंगाना के नलगोंडा जिले में होली के मौके पर अजीबोगरीब घटना हुई. फोन नंबर 100 लोगों के लिए आपात स्थिति में पुलिस तक पहुंचने के लिए है, लेकिन तेलंगाना में एक व्यक्ति ने बार-बार इस नंबर पर फोन कर अपनी पत्नी की शिकायत की. उसकी पत्नी ने दरअसल मटन करी नहीं बनाई थी, जिसके बाद उसने 100 नंबर डायल किया. हालांकि शख्स अब सलाखों के पीछे है. कनागल मंडल के गांव चेरला गौराराम के नवीन ने अपनी पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए एक बार नहीं बल्कि छह बार 100 डायल किया. शुक्रवार की रात जब नवीन ने फोन उठाया तो वह नशे की हालत में था और 100 डायल किया. वह इस बात से नाराज था कि उसकी पत्नी ने त्योहार के दिन मटन पकाने से मना कर दिया था.
मटन बनाने से मना करने पर पत्नी की पुलिस से शिकायत
पुलिस ने शुरू में इसे एक शरारतपूर्ण कॉल के रूप में नजरअंदाज कर दिया, लेकिन जब नवीन ने कॉल करना जारी रखा, तो कॉल को संभालने वाले पुलिस अधिकारी ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया, जिन्होंने उसके खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया. पुलिस ने फोन करने वाले का पता लगा लिया और अगली सुबह कुछ पुलिस कर्मी उसके घर पहुंचे और उसे हिरासत में ले लिया. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि उस व्यक्ति पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 290 (सार्वजनिक उपद्रव) और 510 (शराबी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक रूप से दुराचार) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पति को हिरासत में लिया गया
नवीन शुक्रवार की रात शराब पीकर घर लौटा था. वह अपने साथ कुछ मटन लाया था और चाहता था कि उसकी पत्नी उसे पकाए. उसकी बुरी आदतों से नाराज पत्नी ने उसका आदेश मानने से इंकार कर दिया. इसके बाद उन्होंने फोन उठाया और पुलिस को फोन कर दिया. पुलिस ने लोगों से डायल 100 सुविधा का दुरुपयोग न करने की अपील की है क्योंकि इससे बहुमूल्य समय की हानि होती है और वास्तविक आपातकालीन कॉलों में भाग लेने में उनकी प्रतिक्रिया प्रभावित हो सकती है.