दोस्तों रूस के युक्रेन पर हमला करने के बाद भी युक्रेन ने हिम्मत नही हारी और डट कर रुसी सेना कर मुकाबला कर रहे है .आपको बता दे रूस के इस कदम उठाने के बाद बहुत से देश रूस से नाराज नज़र आरहे है और इन हालातो को देखते हुए बाकि के देश कड़े निर्णय लेने को मजबूर हुए है .रूस पर अमेरिका द्वारा कड़े प्रतिबन्ध लगाने के बाद रूस को कनाडा और ब्रिटेन के प्रतिबंधों का सामना भी करना पड़ रहा है. ये सब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बर्दाश्त नही हो रहा है इस लिए पुतिन गुस्से में आग बबूला हो रहे है .इसी गुस्से की आग में जलते पुतिन ने दे दिए ऐसे निर्देश जिससे सभी देश कर रहे है उनकी आलोचना .
क्या रहा रक्षा मंत्री के साथ बैठक में पुतिन का आदेश?
बताया गया है कि पुतिन ने यह आदेश रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और सैन्य प्रमुख वैलेरी गेरासिमोव के साथ बैठक के बाद लिया। इसमें उन्होंने कहा, “नाटो देशों के वरिष्ठ अधिकारी हमारे खिलाफ भड़काऊ भाषण दे रहे हैं। पश्चिमी देश हमारी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाली कार्रवाई भी कर रहे हैं। इसलिए मैं अपने रक्षा मंत्रालय और सेना को युद्ध के लिए परमाणु बलों को तैयार रखने का निर्देश देता हूं।” गौरतलब है कि यूक्रेन में अपनी कार्रवाई को लेकर रूसी राष्ट्रपति पहले ही पश्चिमी देशों के अंजाम भुगतने की चेतावनी दे चुके हैं।
क्या हैं पुतिन के इस आदेश के मायने?
रूसी राष्ट्रपति की ओर से अपनी परमाणु सेना को हाई-अलर्ट पर रखे जाने का सीधा मलतब है कि पश्चिमी देशों की तरफ से यूक्रेन के बचाव के लिए उठाया गया कोई भी कदम रूस पर आक्रमण के तौर पर देखा जाएगा और इससे परमाणु युद्ध छिड़ने की आशंका है।
दुनियाभर में हो रही पुतिन की इस धमकी की निंदा
परमाणु सेना को तैयार रखने के पुतिन के निर्देश की अमेरिका समेत सभी पश्चिमी देशों ने निंदा की है। जहां अमेरिका ने पुतिन की इन धमकियों को गीदड़भभकी करार देते हुए कहा कि रूसी राष्ट्रपति ये कई बार कर चुके हैं। व्लादिमीर पुतिन की ओर से परमाणु सेना को अलर्ट करने को लेकर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने एक समाचार कार्यक्रम में बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति पुतिन इस युद्ध को जिस तरीके से बढ़ा रहे हैं वह पूरी तरह अस्वीकार्य है।’ उन्होंने कहा, ‘हमें उनकी इस कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा करनी चाहिए।’ पुतिन के आदेश का व्यावहारिक अर्थ क्या है यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। वहीं नाटो सेना के प्रमुख ने कहा कि पुतिन की इस तरह की धमकी खतरनाक और गैरजिम्मेदाराना है।