दोस्तों दुनिया में अभी भी अंधविश्वास है जिसके चलते कई बार लोग कुछ ऐसे काम कर देते है जिसके लिए उन्हें बाद में पछताना पड़ता है . किसी को धन चाहिए ,कोई शक्तिशाली बनना चाहता है तो किसी को बेटे की चाहत ढोंगी बाबाओ तक पहुंचा देती है . लेकिन वो लोग ये नही जानते कि ये ढोंगी बाबा उनसे पैसा भी लूटते हो और उलटे सीधे काम भी करवाते है और अंत में कुछ भी हाथ नही लगता .आज भी लोग बेटा बेटी में फर्क करते है और उन्हें बेटे की चाह ही होती है और अपनी चाहत को पूरा करने के लिए ये किसी भी हद तक जा सकते है हाल ही में ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसके मुताबिक बेटे पाने के चक्कर में एक महिला ने अपने सिर में ठोकी कील फिर जो हुआ जानने के लिए खबर को अंत तक पढ़े .
पाकिस्तान (Pakistan) में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, दरअसल यहां पर एक गर्भवती महिला (pregnant women) ने अंधविश्वास के चक्कर में पड़कर अपने सिर में कील ठोक (nail hammered into her head) ली है, दरअसल, उसको किसी ढोंगी बाबा ने बताया था कि अगर वह अपने सिर में कील ठोक लेती हो तो वह एक लड़के को जन्म देगी।
दर्द से कराह रही थी महिला
महिला के सिर से कील निकालने वाले डॉक्टर हैदर खान ने बताया कि पहले तो महिला ने खुद से कील निकालने की कोशिश, जब उससे कील नहीं निकली तो वह अस्पताल में पहुंची। उन्होंने कहा कि कील निकालते वक्त वह पूरी तरह से होश में थी लेकिन बहुत दर्द में थी। डॉक्टर ने बताया कि वह तीन बेटियों की मां है और वह गर्भवती थी। डॉक्टर ने कहा कि सिर में कील को ठोकने के लिए हथौड़े या अन्य भारी वस्तु का इस्तेमाल किया गया है।
पांच सेंटीमीटर तक सिर में घुस गई थी कील
एक एक्स-रे से पता चला कि पांच सेंटीमीटर (दो इंच) की कील ने महिला के माथे के ऊपरी हिस्से में ठोका था, हालांकि शुक्र की बात यह है कि कील उसके दिमाक तक नहीं पहुंची थी। महिला ने शुरू में अस्पताल के कर्मचारियों को बताया कि उसने अंधविश्वास के चक्कर में खुद के सिर में कील ठोक ली है। इस मामले को लेकर पेशावर पुलिस महिला से पूछताछ कर रही है। पुलिस का कहना है कि जिसने भी महिला को यह सलाह दी है, उसे जल्द ही पकड़ा जाएगा।ज्ञात हो कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जहां पर पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कम आंका जाता है, यहां पर महिआओं की आवाज दबा दी जाती है। यहां पर लोगों का मानना है कि एक बेटा बेटियों की तुलना में माता-पिता को बेहतर वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। दरअसल, इस्लाम के कुछ स्कूलों की अस्वीकृति के बावजूद भी यहां पर के अधिकतर लोग सूफी रहस्य में विश्वास करते हैं, जिसके चलते पाकिस्तान में अक्सर ऐसी घटनाएं देखने को मिलती रहती हैं।