पा-किस्तान का एक छोटा सा हिस्सा ब’लूचिस्तान जिसे पा’क अधिकृत कश्मीर तथा सिंध प्रांत में आजादी की मांग अब जोर शोर से बढ़ती ही जा रही है। बीते रविवार को सिंध में आयोजित एक आज़ादी मार्च के वक्त कुछ लोग प्र दर्शन कर रहे थे। उनके हाथों में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य भी कई वैश्विक नेताओं के पोस्टर देखे गए। वे लोग आजादी की मांग करते हुए नजर आ रहे हैं।
नारे में यह कहा जा रहा है कि ब’लूचिस्तान की आजादी में इन वैश्विक नेताओं का हस्तक्षेप हो। जिससे कि उन्हें जल्दी से जल्दी पाकिस्तान से छुटकारा मिल सके। इससे यह साबित होता है कि बलूचिस्तान पाकिस्तान के साथ बिल्कुल भी खुश नहीं है। बलूचिस्तान में भी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बनी हुई है।इस दौरान लहराये PM मोदी के पोस्टर! और अलग ‘सिंधुदेश’ बनाने के लिए गुहार लगाई, जिसका एक वीडियो भी सामने आया है।
वैश्विक नेताओं के पोस्टर
रैली में लग रहे नारो को देखते हुए यह अंदाजा लगा सकते हैं कि बलूचिस्तान के लोग अपने लिए एक अलग देश बनाने की मांग कर रहे हैं। जिसका नाम सिंधु देश या फिर सिंधुस्तान भी हो सकता है। आधुनिक सिंधी राष्ट्रवाद के संस्थापकों में से एक जीएम सैयद की 117वीं जन्म दिवस के अवसर पर बलूचिस्तान में इस विशाल रैली और वि रोध मार्च का आयोजन किया गया था।
अलग देश सिंधुस्तान बनाने की मांग
#WATCH: Placards of PM Narendra Modi & other world leaders raised at pro-freedom rally in Sann town of Sindh in Pakistan, on 17th Jan.
Participants of the rally raised pro-freedom slogans and placards, seeking the intervention of world leaders in people's demand for Sindhudesh. pic.twitter.com/FJIz3PmRVD
— ANI (@ANI) January 18, 2021
जिसमें पाकिस्तान के खि लाफ बहुत बड़े स्तर पर नारेबाजी की गई। विश्व के बड़े बड़े नेताओं की तख्तियों को हाथों में लेकर आजादी की मांग की गई। प्र दर्शनकारियों के द्वारा भारत के पीएम मोदी, अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन, न्यूजीलैंड की पीएम जेसिंडा और अन्य दूसरे बड़े नेताओं के तख्तियों को उठाया गया और सिंधुदेश की स्वतंत्रता के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की।
पाकिस्तान का है अ वैध क ब्जा
प्र दर्शनकारियों ने दावा पेश किया है कि सिंधु घाटी सभ्यता और वैदिक धर्म का घर बन चुका है। जिस पर ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा अ वैध रूप से क ब्जा कर लिया गया था और उनके द्वारा 1947 में पाकिस्तान के ‘दु ष्ट’ इ स्लामी हाथों को सौंप दिया गया था। सिंध में कई राष्ट्रवादी दल हैं। जो एक स्वतंत्र सिंध राष्ट्र की वकालत कर रहे हैं। वे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर इस मुद्दे को लगातार उठा रहे हैं और पाकिस्तान को एक ऐसा ‘क ब्जेदार’ बता रहे हैं। जो संसाधनों का दोहन करने के साथ यहां रहने वाले लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है।