दोस्तों अपनी माँ से बढ़ के दुनिया में कुछ भी नही है और एक माँ ही है जो अपने बच्चो के लिए दुनिया में कुछ भी कर सकती है ! दुनिया तो दुनिया है ओ अपने भगवान से भी लड़ जाती है और अपने बच्चो को ओ बहुत सा प्यारा और दुलार करती है तू ही मेरे दिल का टुकड़ा और तू ही मेरी जान है यह पंक्तियां हरियाणा की एक मां पर बिल्कुल सटीक बैठती है।जिसकी ममता को और दुलार देख यमराज अपने फैसले पर बेबस हो जाते है !
हुआ यूँ कि परिवार अं तिम संस्कार की तैयारियों में जुटा था, लेकिन मां अपने जिगर को दूर नहीं जाने देना चाहती थी। वो बार-बार मृ’ त बेटे के सिर को चूमकर आंसू बहाए जा रही थी। बार-बार बिलखते हुए कहतीृ उठ जा मेरे लाला..मेरे जिगर के टुकड़े। तेरे बिना मैं क्या करूंगी। तभी ऐसा चमत्कार हुआ कि बेटे के शरीर में हलचल होने लगी। यह देख सभी हैरान थे, आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया। भगवान की कृपा देखिए वह ठीक होकर घर लौट आया। पढ़िए आखिर कैसे हुआ यह चमत्कार..मां ने मरे बेटे को कर दिया जिंदा…
डॉक्टर कर चुके थे मृत घोषित, मां जिंदा लौटा लाई – दरअसल, यह अनोखा मामला बहादुरगढ़ के किले मुहल्ले का है। जहां दंपत्ति हितेश और जाह्नवी के बेटे को टाइफाइड हो गया था। वह रोहतक के एक निजी अस्पताल गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें दिल्ली जाने की सलाह दी। पति-पत्नी उसे दिल्ली ले गए। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने 26 मई को बच्चे को मृत घोषित कर दिया। वह रोते-बिलखते बेटे का शव लेकर घर लौट आए।
बेटे के शव से लिपट कहे जा रही थी मां बेटे जिंदा हो जा… रात हो जाने के चलते बच्चे का अंतिम संस्कार नहीं हो सका। परिवार ने बच्चे का शव बर्फ पर रखा। सुबह होते ही वह मासूम को दफनाने की तैयारी करने लगे। आसपास के लोग और रिश्तेदार सब आ चुके थे। अधिकतर लोग विश्राम घाट पहुंच भी गए थे। लेकिन जिस बेटे को 9 माह तक कोख में रखा और 6 साल तक उसकी किलकारी और मुस्कुराहट देख जीने वाली मां शव देने को तैयार नहीं थी। (प्रतीकात्मक फोटो)