दोस्तों युक्रेन के हालातो को देखते हुए यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए अभी तक प्रयास किये जा रहे है और अब तक कितने ही छात्रों को सुरक्षित भारत पहुंचा दिया गया .जंहा कुछ छात्र युक्रेन से निकलने के लिए लगातार सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए नज़र आ रहे है तो वही कुछ भारतीय ऐसे भी है जो यूक्रेन छोड़ने के लिए बिलकुल भी तैयार नही है . आपको बता दे यदि वो लोग वापिस भारत आना चाहते है तो अपनी शर्तो पर .इस बात को जानकार हर कोई अचम्भे में है इन हालातो में जब सभी अपने देश लौटने के लिए मदद की गुहार लगा रहे है ऐसे कोई अपने देश वापिस आने के लिए शर्ते कैसे रख सकता है .
गिरिकुमार पाटिल भी उन्हीं लोगों में से एक हैं, जो कि एक डॉक्टर हैं. वह यूक्रेन के डोनबास (Donbas) में रहते हैं और वहीं पर उन्होंने पैंथर और जगुआर पाल रखा है. उनके बिना वह यूक्रेन छोड़ने को राजी ही नहीं है. वह इन जानवरों को भी अपने साथ भारत लेकर जाना चाहते हैं.मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गिरिकुमार पाटिल को जानवरों से बहुत प्रेम है और खासकर जगुआर से. उनके इसी प्रेम की वजह से उन्हें डोनबास में जगुआर कुमार के नाम से भी लोग पुकारते हैं.एएनआई के मुताबिक, गिरिकुमार पाटिल कहते हैं कि अपने पालतू जानवरों को भी अपने साथ भारत ले जाने के संबंध में उन्होंने भारतीय दूतावास से संपर्क किया था, लेकिन वहां से उन्हें कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला. उन्होंने बताया कि वहां जहां रहते हैं, पूरा इलाका रूसी सैनिकों से घिरा हुआ है, लेकिन मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा हूं. मैं उन्हें अपने बच्चों की तरह मानता हूं.
Donbas | An Indian doctor Girikumar Patil famously known as Jaguar Kumar refuses to leave Ukraine without his pet jaguar & panther
"I called Embassy but didn't get a proper response. My place is surrounded by Russians but I'm trying my best. I treat them like my kids," he says pic.twitter.com/Ou5bT4bsN3
— ANI (@ANI) March 7, 2022
अखिल राधाकृष्णन भी गिरिकुमार पाटिल की तरह ही हैं. वह हाल ही में हंगरी के रास्ते भारत लौटे हैं. उन्होंने भी यूक्रेन में एक बिल्ली पाल रखी थी, जिसका नाम अम्मिनी है. हालांकि भारतीय दूतावास ने उन्हें बिल्ली साथ ले जाने की अनुमति दे दी थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अखिल ने बताया कि उन्होंने 4 महीने पहले ही अपने एक सीनियर से बिल्ली को लिया था, जिसे अब वो बहुत मानने लगे हैं.आपको बता दें कि सरकार ने भारतीय नागरिकों के साथ विदेशी जानवरों को देश लाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत जानवरों को साथ लाने के लिए उनको लेकर नागरिकों को पहले मालिकाना हक साबित करना होगा, उसके बाद ही जानवरों को देश में लाया जा सकता है.