दोस्तों बच्चे चाहे कैसे भी हो माता -पिता हर हाल में उनसे प्यार करते है .चाहे बच्चो से कितनी ही बड़ी गलती क्यों न हो जाए वो उन्हें माफ़ कर देते है . हम मानते ही कि यदि बच्चे गलती करे तो उनको सबक सिखाना भी जरूरी है लेकिन गुस्से में आकर कभी ऐसा कदम नही उठाना चाहिए कि बाद में आपको पछताना पड़े .आज हम आपको एक ऐसे मामले के बारे में बताने वाले है.जिसे सुन कर आपकी रूह काँ”प जाएगी आप यकीन नही कर पाओगे कि कोई पिता अपने बेटे के साथ ऐसा भी कुछ कर सकता है .दरअसल बेंगलुरु में एक मामला सामने आया है जिसमे एक पिता ने अपने बेटे को आग लगाकर उसकी ह -त्या कर दी . आखिर बेटे से ऐसी भी क्या गल्ती हो गयी थी जो पिता ने उसे ऐसी दर्दनाक सजा दी .पूरा मामला जानने के लिए खबर को अंत तक जरुर पढ़े .
पिता का बिजनेस संभालता था अर्पित
मामला सात दिन पहले का है। यह परिवार राजस्थान का रहने वाला है। बेंगलुरु पुलिस के अनुसार पिता सुरेंद्र जैन (55) ने अपने 25 साल के बेटे अर्पित को जला कर मार दिया। सुरेंद्र का कंस्ट्रक्शन और फैब्रिक का काम है। वह बेंगलुरु शहर (नॉर्थ) के चामराजपेट क्षेत्र के आजाद इलाके में रहते हैं। अर्पित ही पिता का बिजनेस संभालता था। सुरेंद्र को बिजनेस में डेढ़ करोड़ का हिसाब नहीं मिल रहा था। उसने इस बारे में अर्पित से पूछा तो वह सही जवाब नहीं दे पाया। इस बात को लेकर दोनों में बहस भी हुई थी।बहसबाजी के दौरान बेटे से नाराज सुरेंद्र ने उस पर थिनर उड़ेल दिया। इस पर अर्पित घबरा कर गोदाम से बाहर आ गया। पीछे आ रहे पिता ने एक माचिस जलाकर उसकी ओर फेंकी, लेकिन वह बच गया। सुरेंद्र ने दूसरी बार माचिस फेंकी को अर्पित के कपड़ों ने तुरंत आग पकड़ ली।
गलियों में दौड़ता रहा अर्पित
अर्पित अपने आप को बचाने के लिए कॉलोनी की गलियों में दौड़ता रहा। आग की लपटों में घिरा वह तड़पता रहा और खुद को बचाने की पूरी कोशिश की। आसपास के लोगों ने उसे बचाया और आग बुझाई। लेकिन, बुरी तरह झुलस गया था। इस हादसे में अर्पित बुरी तरह झुलस गया था और सात दिन तक उसका इलाज चला। गुरुवार को उसने विक्टोरिया हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया।घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज करते हुए हत्यारे पिता को गिरफ्तार कर लिया है। सुरेंद्र जैन ने बताया कि वह राजस्थान से है। चार पीढ़ियों से उनका परिवार बेंगलुरु ही रहता है। बताया कि उसके पूर्वज पाली-सिरोही के रहने वाले थे। सुरेंद्र का कहना है कि यह सब गुस्से में हो गया। बेटे अर्पित को समझा रहा था और अचानक यह हादसा हो गया।