हमारे हिन्दू धर्म के शास्त्रों में पुनर्जन्म के बारे में विस्तार से बताया गया है ! जिसमे भगवान श्री हरी विष्णु , राम , शिव और उनके ऋषि मुनियों के नये अवतार और पुनर्जन्म के बारे में वर्णन किया गया है ! भगवान के पुनर्जन्म की बात तो सब मानते है ! लेकिन किसी इंसान के पुनर्जन्म की बात करे तो कोई भी इस बात को मानने के लिए तौयार होता !
ये बात तो आप मानते होगे कि हमारे पिछले जन्मो के कर्मो का फल हमें इस जन्म में भोगना पड़ता है ! शास्त्रों में स्पष्ट रूप से बताया गया कि यदि हमने किसी को पूर्वजन्म में दुःख पंहुचाया हो ! तो मरने के बाद भी वो हमारा पीछा नही छोड़ता ! और दुसरे जन्म में वो हमारी सन्तान के रूप में जन्म लेकर अपना बदला लेता है ! हमे दुःख पंहुचाता है जो वो पूर्वजन्म में नही कर पाया हो ! हिन्दू शास्त्रों में ऐसे चार प्रकार के लोगो के बारे में बताया गया है ! जो सन्तान के रूप में जन्म ले सकते है !
अपमान करने वाली सन्तान
पूर्वजन्म में अगर आपने अपने किसी करीबी या दुश्मन किसी का भी अपमान किया हो ! अपने आनंद के लिए किसी को सताया हो ! तो पुनर्जन्म में वो करीबी या दुश्मन आपकी सन्तान के रूप में जन्म लेकर अपना बदला लेगा ! पूरी जिन्दगी माता -पिता का अपमान करेगा ! उनसे झगड़ा और मार-पीट करेगा ! बुरी बाते बोलकर उनको सता कर खुश होगा ! पूरी जिन्दगी उन्हें ऐसे ही परेशान करेगा !
बेसहारा छोड़ने वाली सन्तान
अगर पूर्वजन्म में आपने किसी को धोका दिया हो या किसी से छल-कपट किया हो ! तो पुनर्जन्म में वो इंसान आपकी सन्तान बनकर जन्म लेगा ! शादी के बाद आपसे अलग हो जायेगा ! आपकी कभी सेवा नही करेगा ! बुढ़ापे में जब आपको अपनी सन्तान की जरूरत होगी तो वो आपको मरने के लिए आपके हल पर छोड़ जायेगा !
सेवा करने वाली सन्तान
अगर आपने पूर्वजन्म में किसी का ख्याल रखा है ! किसी की सेवा करके खुश किया है तो वो इंसान पुनर्जन्म में आपकी सन्तान बनकर जन्म लेगा ! और आपकी खूब सेवा करेगा ! आपका बहुत ख्याल रखेगा !
पैसा खर्च करने वाली सन्तान
अगर हमने पूर्वजन्म में किसी से ऋण लिया हो ! या किसी की चोरी की हो ! और उसका पैसा वापिस किये बिना ही हमारी मृत्यु हो जाती है ! तो ऋण देने वाला इंसान पुनर्जन्म में स्न्तान बनकर जन्म लेता है ! और वे वजह पैसा खर्च करता रहता है ! वे ऐसा तब तक करता है ! जब तक उसका दिया गया पैसा पूरा नही हो जाता है !